worlds first female hijacker Leila Khaled biggest poster girl of Palestinian conflict – दुनिया की पहली महिला हाईजैकर जिसने फिलिस्तीन को आजाद कराने का देखा था सपना
दुनिया में कई बार विमान को हाईजैक करने की घटनाएं सामने आईं हैं। इन सबके बीच एक नाम लैला खालिद का भी था, जिसने इजराइल के विमान को हाईजैक कर सभी को स्तब्ध कर दिया था। लैला खालिद को बचपन में ही अपना घर और देश छोड़ना पड़ा था, जिसके बाद उसने फिलिस्तीन को आजाद कराने का सपना देखा था। इस काम को अंजाम देने के लिए लैला ने बंदूक थामी और फिर अपने कारनामों से दुनिया को हिलाकर भी रख दिया।
लैला खालिद का जन्म 9 अप्रैल 1944 को फिलिस्तीन में हुआ था। साल 1948 में हालात ऐसे बने कि लैला को अपने परिवार के साथ देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और फिर वह लेबनान में बस गए। करीब 5 साल की उम्र में उन्होंने देश छोड़ा और फिर 15 की उम्र होते-होते वह अरब नेशनलिस्ट मूवमेंट में शामिल हो गई। फिर फिलिस्तीन की आजादी के लिए लैला ने 23 साल की उम्र में पॉप्यूलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (पीएफएलपी) का साथ हासिल किया।
लैला की जिंदगी यहीं से बदल गई थी और अब उसे एक मिशन के लिए तैयार होना था। लैला खालिद ने कुछ लोगों के साथ मिलकर 1967 से 69 के बीच कई विमानों को हाईजैक किया, लेकिन जब उसने टीडब्ल्यूए फ्लाइट 840 को हाईजैक किया तो दुनियाभर में हल्ला मच गया। यह विमान 29 अगस्त 1969 को रोम से एथेंस और फिर तेल अवीव के लिए उड़ान भरने वाला था। इस काम में लैला के साथ उसका साथी सलीम इस्सावी भी था।
लैला खालिद, सिक्योरिटी को झांसा देकर एक पिस्टल और दो हैंड ग्रेनेड विमान में ले जाने में सफल हो गई। विमान में करीब 120 यात्री थे और 7 क्रू मेंबर थे। उसे खबर थी कि विमान में इजराइली राजदूत है लेकिन किस्मत पलटी खा गई और राजदूत विमान में चढ़े ही नहीं। हालांकि, विमान उड़ने के थोड़ी देर बाद ही लैला और सलीम ने प्लेन हाईजैक कर लिया। फिर विमान को रूट बदलकर सीरिया के दमश्कस ले जाने के लिए कहा गया। दमश्कस में पहुंचकर जहाज़ को खाली कर बम धमाके से उड़ा दिया। इसके बाद यात्रियों को सीरिया और मिस्र के 71 सैनिकों के बदले रिहा कर दिया गया।
इस दौरान लैला खालिद ने करीब 6 बार प्लास्टिक सर्जरी से अपना चेहरा बदला ताकि दूसरे मिशन को अंजाम दे सके। लेकिन 1970 में एक हाईजैकिंग उसे भारी पड़ गई, जिसमें उसने एम्स्टर्डम से न्यूयॉर्क जा रहे एक इजरायली जहाज को हाइजैक करने की कोशिश की थी। इस प्लान को विमान में मौजूद कुछ स्काय मार्शल्स ने फेल कर दिया और लैला के दो साथी मारे गए। जबकि लैला को जिंदा बमों समेत गिरफ्तार कर ब्रिटेन के हवाले कर जेल भेज दिया गया।
हालांकि, 1 अक्तूबर 1970 को एक अन्य प्लेन हाईजैकिंग के चलते ब्रिटेन को भी लैला को छोड़ना पड़ा। रिहा होने के बाद लैला खालिद बंदूक छोड़कर राजनीति में शामिल हो गईं और फिर फिलिस्तीन के लिए दुनियाभर में आवाज उठाती दिखी। इस दौरान लैला खालिद ने खुद अपनी आत्मकथा लिखी और खालिद पर कई किताबें लिखी गई और डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई। एक तरह से वह फिलिस्तीन के लिए पोस्टर गर्ल बन चुकी थी।
Reference-www.jansatta.com